महिला ने लगाया किराये का आरोप तो गुड़गांव ने पेश किया लिव-इन रिलेशनशिप एग्रीमेंट, प्लॉट का दावा
मुंबई में एक महिला ने अपने पूर्व महानगरपालिका पर लगाया बलात्कार का आरोप। इस मामले में सबसे पहले यूक्रेनी बिल्डर से ही जमानत हासिल करने की कोशिशों में खुलासा हुआ है। इसके लिए 46 साल के व्यक्ति ने लिव-इन रिलेशनशिप एग्रीमेंट पेश किया है। दावा किया गया है कि वे दोनों एक-दूसरे के खिलाफ यौन उत्पीड़न का कोई मामला दर्ज नहीं करेंगे। हालाँकि, 29 साल की महिला का कहना है कि उसके साइन पर दस्तावेज़ नहीं है। पुलिस के मुताबिक, महिला वृद्ध की देखभाल का काम करती है। गैर सरकारी सरकारी कर्मचारी जो अब यह साबित करने की कोशिश कर रहा है कि उसे मंजूरी मिल गई है।
महिला का आरोप है कि उसके दोस्त ने उससे शादी का वादा किया था। जब वे साथ रह रहे थे तब उसने कई बार उसके साथ बलात्कार किया। बुज़ुर्ग की ओर से पेशकार वकील सुनील पांडे इसे धोखाधड़ी का मामला बता रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘अवेदकों को मूर्ति मामले में फंसाया जा रहा है।’ उसे अल्ट्रासाउंड का शिकार बनाने की कोशिश है। वे दोनों लिव-इन में थे। इसे लेकर बीच उनका समझौता भी हुआ था। इसका साफ पता यह है कि दोनों को प्रवासियों में रहने के लिए मंजूरी दी गई थी। इससे जुड़े कागजात पर महिला ने हस्ताक्षर किए हैं।
डॉक्युमेंट में 7 बातें सहमति का दावा
यूनिवर्सल की ओर से जो डॉयमेंट पेश किया गया, उसमें दोनों के बीच 7 सूत्री समझौता शामिल है। इसके अनुसार, यह तय हुआ कि वे 1 अगस्त 2024 से 30 जून 2025 तक साथ रहेंगे। दूसरे क्लॉज में कहा गया है कि इस दौरान वे एक-दूसरे के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज नहीं कराएंगे। तीसरे बिंदु में कहा गया है कि महिला पुरुष के साथ उसके घर पर रहेगी। यदि उसका व्यवहार सही नहीं है, तो वे एक महीने का नोटिस कभी भी अलग से दे सकते हैं। चौथा बिंदु यह है कि जब महिला उसके साथ रहेगी तो उसका कोई भी छात्र घर पर नहीं आएगा। पौराणिक खंड के अनुसार, महिला पुरुष को किसी भी तरह का उत्पीड़न या मानसिक पीड़ा नहीं पहुंचेगी। छठा बिंदु यह है कि अगर महिला आपत्तिजनक है तो पुरुष को दोषी नहीं ठहराया जाएगा। सातवां मुद्दा यह है कि यदि पुरुष को मानसिक आघात पहुंचाया जाए तो महिला को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।